एस सी एस टी एक्ट संशोधन की पटकथा कहीं बीजेपी का मास्टर स्ट्रोक्स तो नहीं ?

Author Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh' Sat 26th May 2018      Write your Article
SC-ST-act-sanshodhan-ki-patkatha-kahi-BJP-ka-master-stroke-to-nahi.jpg
एस सी एस टी एक्ट संसोधन की पटकथा कहीं बीजेपी का मास्टर स्ट्रोक्स तो नहीं ?
भारत बंद के नाम पर जिस प्रकार सड़कों पर तांडव और हिंसा का नंगा नाच हुआ वो कतई बर्दाश्त करने योग्य नहीं कहा जा सकता लोकतंत्र में सबको अपनी बात कहने का हक है लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि हिंसा का तांडव कर आम जनता से बदसलूकी और मारपीट की जाए ।
भारत बन्द के नाम पर हिंसा का तांडव करने वालों को हाल ही में महाराष्ट्र के किसानों के पैदल शांति मार्च से भी कुछ सीख लेनी चाहिए
सरकारी मशीनरी और सरकार क्या कर रही थी जो हिंसा का तांडव मचाने वाले आन्दोलनकारियों के सामने सरकार और प्रशासन इतना असहाय नजर आया कि पुलिस प्रशासन के सामने हिंसक घटनाएं होती रही बन्द के नाम पर आम जनता से बदसलूकी मारपीट तक की गई आखिर उन आम लोगों का कसूर क्या था ?
एस सी एस टी एक्ट के संदर्भ में फैसला सुप्रीम कोर्ट ने लिया था ।
आंदोलनकारियों को लड़ाई सरकार और सुप्रीम कोर्ट से लड़नी चाहिए थी लेकिन आंदोलनकारी भारत बंद के नाम पर आम जनता से ही लड़ते नजर आए ।
बस यही बात इन आन्दोलनकरियों को सोचनी और समझनी चाहिए थी ।
सुप्रीम कोर्ट ने दहेज उत्पीड़न के संदर्भ में भी अपनी गाइड लाइन दी थी और दहेज उत्पीड़न के अधिकतर मामलों में उसके दुरुपयोग की बात स्वीकार कर ही गाइड लाइन तय की थी उस मामले में तो जहां तक मेरा ख्याल है न तो कोई भारत बंद किया गया था और न ही कोई आंदोलन किया गया था आखिर क्यों ?
एस सी एस टी एक्ट के संदर्भ में भी सुप्रीम कोर्ट द्वारा इसके दुरुपयोग की बात को स्वीकार करते हुए गाइड लाइन तय की है तो मैं नहीं समझता कि इससे इस एक्ट में कोई कमजोरी आ जायेगी बस सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन से दूध का दूध पानी का पानी जरूर हो जाएगा यानी दुरुपयोग जरूर रुक जाएगा ।
भारत बंद का ये हिंसक आंदोलन 2019 के लोकसभा चुनाव की पटकथा जरूर लिख गया है । सवर्ण और दलित की खाई को और चौड़ा भी कर गया है ।
आने वाले दिनों में नेताओं द्वारा इस मुद्दे को सवर्ण बनाम दलित की लड़ाई में परिवर्तित कर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकी जाए तो कोई आश्चर्य न होगा ।
वैसे ये पटकथा किन लोगों द्वारा तैयार की गई ?
अब क्योंकि अपने अब तक के कार्यकाल में मोदी जी जनता की उन उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे जिन अच्छे दिनों की उम्मीद में देश की जनता ने उनको पूर्ण बहुमत दिया था ।
कहीं ऐसा तो नहीं जनता का ध्यान अच्छे दिनों की नाकामी से हटाने के लिए बीजेपी एस सी एस टी एक्ट संशोधन की इस पटकथा की पर्दे के पीछे की राइटर हो ?
ये तो खैर हालातों पर गौर करने के बाद अब ये निश्चित लगता है कि 2019 का चुनाव सवर्ण बनाम दलित होने वाला है बीजेपी भी शायद यही चाहती थी कि देश की जनता का ध्यान कथित अच्छे दिनों से हट जाए ।
जनता का ध्यान मंहगाई से हट जाए ।
जनता का ध्यान आतंकवाद से और 1 सर के बदले 10 सर से हट जाए ।
किसानों का ध्यान अपनी बदहाली से हट जाए ।
युवाओं का ध्यान अपनी बेरोजगारी से हट जाए ।
राम मंदिर का मामला ठंडे बस्ते में चला जाये क्योंकि मामला सुप्रीम कोर्ट में है ।
मां गंगा का ध्यान अपनी बदहाली से हट जाए ।
सरकार की हर मोर्चे पर असफलता और नाकामी इस मुद्दे की आड़ में छुप जाए और
लोकसभा चुनाव बीजेपी सवर्ण बनाम दलित को आधार बनाकर मैदान में उतरकर फतह कर सके ।
फिर तो ऐसा प्रतीत होता है कि बीजेपी अपना मास्टर स्ट्रोक्स खेल गई ।
पं संजय शर्मा की कलम से

Kabhi pyar me

Author  Photo Uma   (Thu 18th May 2017) Kabhi pyar me
kabhi pyar me , ikrar me
kabhi jeet me , kabhi haar me
kabhi yaar me , parivaar me

mahsus hota hai tera aks meet
meri har aas me ehsaas me

chal diye kadam aankh mundkar
ye bhi na pucha kab chalain aur kis raah me
.... Read More

Mann ashant hai

Author  Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh'   (Mon 2nd Feb 2015) Mann ashant hai
Desh mai lahar hai
Ye kaisa kahar hai
Hamko sab khabar hai
kiski lagi najar hai
Ye apna shahar hai
Yaha faila jahar hai
Har taraf loot hai
Fir bhi dekho chhoot hai
Dekho man ashant hai
Fir bhi ham shant hai.... Read More

गर्व से कहो हमारी जाति सिर्फ भारतीय है

Author  Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh'   (Sat 26th May 2018) गर्व से कहो हमारी जाति सिर्फ भारतीय है
भारतीय राजनीति में जिस प्रकार से जाति का तड़का लगाकर समाज को बांट कर नेता अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकते आ रहे हैं उसे देशहित में कतई उचित नहीं कहा जा सकता है ।
क्या हमें अपनी पहचान बताने के लिए जातिगत वैसाखियों की आवश्यकता है ?
क्या हमारी जाति सिर्फ और सिर्फ भारतीय नहीं होनी चाहिए ?
जातिगत आधार प.... Read More

TUJHE APNA BANAYA HAI MAINE

Author  Photo Shrivastva MK   (Sat 7th Oct 2017) TUJHE APNA BANAYA HAI MAINE
Tere pyaar me roya hai maine,
Teri yaadon ko sajoya hai maine,
Teri khushi ke liye maine sanam,
Teri rahon me phool bichhoya hai
maine,

Tujhe apni zindagi banaya hai maine,
Apni sanson me tujhe basaya hai maine,
Tere ishq me bechain dil ko
badi muskil se samjhaya hai maine,.... Read More

कभी हम भी उनके अज़ीज़ हुआ करते थे

Author  Photo Madhu Bhagat   (Mon 19th Sep 2016) कभी हम भी उनके अज़ीज़ हुआ करते थे
कभी हम भी उनके अज़ीज़ हुआ करते थे ,
आज उनके दीदार को तरसते है

कभी उनकी आंखों में अपने लिए मोह्हबत देखा करते थे,
आज उनमे अपने आप को अनजान देखा करते है ।
फिक्र थी उन पलो में ,कुशिया थी उनकी हमसे
उनके आज से ही नही, हम तो उनके कल से मोह्हबत किया करते है

कभी हम भी उनके अज़ीज़ हुआ करते थे ,
आज उनके.... Read More

Jindgi ke do pahlu

Author  Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh'   (Sun 1st Feb 2015) Jindgi ke do pahlu
Jindgi ke khel bade hi nirale hote hai
Jinme kuchh log bade hi mukddar vale hote hai
Chaal dhaal se vo matvale hote hai
Log jinke haatho mai haath dale hote hai
Jo whisky mai rum aur vodka dale hote hai
Apno ke beech vo bade dilvale hote hai
Apne shahar mai kuchh gande nale hote hai
Yaha rah.... Read More

कोई खुशी तो कोई गम के सहारे जीता है

Author  Photo Shrivastva MK   (Sat 26th May 2018) कोई खुशी तो कोई गम के सहारे जीता है
कोई खुशी तो कोई गम के सहारे जीते है,
कोई इन अश्क़ों को जाम की तरह पीते है,
हमें तो आदत थी मुस्कुराने की पर
कुछ लोग ज़ख्म देकर इसे भी छीन लेते है।

दिल ये मेरा अब गुमनाम सा हो गया है,
ज़ख्मो की गलियों में बेनाम सा हो गया है,
कल तक जो धड़कता था किसी के लिए
आज ख़ुद से भी अनजान सा हो गया है।
.... Read More

फरियाद

Author  Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh'   (Fri 6th May 2016) फरियाद
तुम कब्र पे आकर मेरी
ये फरियाद कर देना
खुदा को याद करके तुम
मुझे भी याद कर लेना
खुदा से पूँछ लू जाकर
तुम उसके बाद कर देना
खुद को आबाद कर देना
मुझे बरवाद कर देना

पं संजय शर्मा आक्रोश'.... Read More

संता का गुस्सा

Author  Photo Sudhakar Kumar   (Thu 15th Jan 2015) संता का गुस्सा
संता अपने 12वीं मंजिल वाले अपार्टमेंट
की बालकनी में खड़ा नीचे देख
रहा होता है।
,
अचानक एक आदमी उसे हाथ हिला के नीचे
आने
का इशारा करता है।
,
संता को समझ ना आया फिर उसने
सोचा की कोई.... Read More