नोटबन्दी-तुगलकी फरमान का एक और चाबुक

Author Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh' Sun 10th Sep 2017      Write your Article
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Tuesday, 20 December 2016
तुगलकी फरमान का एक और चाबुक
आज जिस प्रकार से केंद्र की सरकार द्वारा हर रोज नए फरमानों का चाबुक जनता की पीठ पर मारा जा रहा है वो किसी से छिपा नहीं है
जनता द्वारा पाँच हजार की रकम ही एक खाते में बैंक में जमा करायी जा सकती है इससे ऊपर जमा कराने पर बकायदा साक्षात्कार लिया जायेगा ।
क्या मतलब हुआ इस फरमान का क्या काले धन के जमाखोर सरकार के इस साक्षात्कार का सामना करने का लिए बैंक जायेंगे वो लोग तो अपना काला पीला कर चुके और फिर उनको तो सरकार ने शुरू में ही कई प्रकार के रास्ते प्रदान कर दिए थे अब वो चाहें बैंक की मिलीभगत से रुपया सफ़ेद करने का मामला रहा हो या अन्य वगैरह वगैरह जगह से रु सफेद करने का मामला रहा हो ।
बैंक में वही आम आदमी अपनी ख़ून पसीने की कमाई का रुपया जमा करने जायेगा या जा रहा है जो शायद बैंक की भीड़ की वजह से अब तक अपना रुपया जमा नहीं कर पाया था कि अचानक सरकार के तुगलकी फरमान का एक और चाबुक उस आम आदमी की पीठ पर पड़ गया ।
यहां एक बात और देखने वाली है कि पहले दिन से अब तक सरकार के बदल बदल कर फरमान आ रहे हैं । ये कैसी तैयारी थी सरकार की । ये कैसा होमवर्क किया था सरकार ने कि उन्हें बार बार अपने नियम बदलने पढ़ रहे हैं । शायद गिरगिट भी इतने रंग नहीं बदलता होगा जितने कि सरकार ने नोटबन्दी पर अपने फरमान बदले हैं । ऐसा लगता है कि सरकार ने एक ऐसा अदूरदर्शी एक्स्पेरिमेंट किया था नोटबन्दी का जिसने आम आदमी को दर्द तकलीफ के आलावा अभी तक कुछ भी नहीं दिया है और वो प्रयोग अब तक के हालात पर गौर करने के बाद असफल ही साबित हुआ है । सरकार के इस प्रयोग ने आम आदमी की हालत पतली करके रख दी ।
प्रधानमन्त्री जी जो शुरू में कह रहे थे कि 50 दिन के बाद कोई समस्या नहीं रहेगी । उनके भी बयान में अब 50 दिन के बाद धीरे धीरे सिथति सामान्य होने लगेगी ये कहा जा रहा है अब इस धीरे धीरे सिथति सामान्य का क्या मतलब हुआ ये शायद प्रधानमन्त्री जी ही बेहतर बता सकते हैं । प्रधानमन्त्री जी ने अपने भाषणों में कहा कि ढाई लाख रु तक जमा में कोई पूछताछ नहीं होगी अब 5 हजार से ऊपर जमा पर बैंक द्वारा साक्षात्कार लिया जा रहा है । दरअसल इस नोटबन्दी पर प्रधानमन्त्री जी खुद तो भृमित हैं हीं जनता को भी भृमित् कर उलझनों में जकड़ रहे हैं । शायद उन्हें खुद नहीं पता उन्हें करना क्या है ।
पर कुल मिलाकर हकीकत ये है कि सरकार के नोटबन्दी से लेकर हर तुगलकी फरमान का चाबुक हर बार आम आदमी की ही पीठ पर क्यों पढ़ रहा है ?
पं संजय शर्मा की कलम से

Ghar koi hota mera apna

Author  Photo Uma   (Thu 1st Jun 2017) Ghar koi hota mera apna
ghar koi hota mera apna
jisse bantati mai sara dard apna

to mai hoti khush k koi to hai
jise meri parwah hai
koi to hai jise meri chah hai
par na hai aisa na hoga koi

ghar hai koi to mai hun vahi jo khud k liye hai
aur shayad hai yahi sahi .... Read More

Meri raaho se andhera chhtta hi gaya

Author  Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh'   (Tue 3rd Feb 2015) Meri raaho se andhera chhtta hi gaya
Jeewan ke safar mai chalta hi gaya

Sathi naya milta hi gaya

Manjil pe apni badta hi gaya

Fool vafa ka khilta hi gaya

Mere dil ne Jo kaha karta hi gaya
.... Read More

Wo phone ki ghanti

Author  Photo SONIA PARUTHI   (Sat 26th May 2018) Wo phone ki ghanti
Wo phone ki ghanti,
Jab thi bajti.
Har takleef takleef na rehti,
Ankhiyon se nadiya hai behti.
Aaj bhi aapki ringtone,
Kar deti hai mujhe maun.
"Yashomati maiya se bole nandlala,
Radha kyu gori mai kyu kaala ".
Maa jab bhi ye geet sunti hu aaj,
Aankho se barsaat aur band awaaz,.... Read More

WO HUMSE KYON RUTH GAYE...

Author  Photo Shrivastva MK   (Sat 7th Oct 2017) WO HUMSE KYON RUTH GAYE...
Mere sapne kyon tut gaye,
Wo humse kyon ruth gaye,
Dekar shila mohabbat ka mujhe,
Wo meri hasti kyon lut gaye,

Kyon aaye wo meri zindagi me
Jab mujhe chhod ke jana hi tha,
Karke waadein pyaar ke
Jab sath nibhana hi na tha,
Do pal ki khushi unke sath,.... Read More

तो ऐ ज़िन्दगी मेरा हाथ थाम लेना

Author  Photo Madhu Bhagat   (Thu 29th Sep 2016) तो ऐ ज़िन्दगी मेरा हाथ थाम लेना
मैं कमजोर पड़ जाऊ , तो ये जिंदगी मेरा हाथ थाम लेना ,
मेरे आखो पर अश्क दस्तक दे दे तो ,ये ज़िन्दगी मेरा हाथ थाम लेना ,
मेरी मुस्कुराहट पर अगर गुमान ने जगह ले ली तो मैं कमजोर पड़ जाऊ , तो ये जिंदगी मेरा हाथ थाम लेना ,
मेरे आखो पर अश्क दस्तक दे दे तो ,ये ज़िन्दगी मेरा हाथ थाम लेना ,
मेरी मुस्कुराहट पर .... Read More

Gairo se gila kya kare

Author  Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh'   (Sun 1st Feb 2015) Gairo se gila kya kare
Gairo se gila kya karte ham
Apno ke sataye baithhe hai
Raaho mai tumhare mailne ki
Ab aas lagaye baithhe hai
Etbaar kiya karte the jab
Har shaam lutaye baithhe hai
Najro ne kiye kuchh vade the
Ab najar jhukaye baithhe hai
Manjil to milegi hamko bhi
Har kasam uthhaye baithhe hai.... Read More

Dil da haal

Author  Photo SONIA PARUTHI   (Sat 26th May 2018) Dil da haal
palka de olle
digde ne
kinde naal kra zikar
kise nu nhi fikar
kiwe samjhawa
galat nhi haa
bhot koch dafan haiga is dil vich
rokar kadd dendi haa injh
inni umar nhi hayi
jinne gum aa vich paigyi.... Read More

यादों की गलियां

Author  Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh'   (Sun 8th May 2016) यादों की गलियां
यादों की उन गलियों में
बेशक हम जाना भूल गए
भूले नहीं हम उन गलियों को
बस दिल लगाना भूल गए
नादान दिल की चाहत में
खुद को दीवाना भूल गए
अब तो अपनी जिंदगी में
बस मुस्कराना भूल गए
दर्दे दिल के ग़ाफ़िल होकर
मरहम लगाना भूल गए.... Read More

लव के चककर

Author  Photo Abhishek Kumar   (Mon 19th Jan 2015) लव के चककर
जो लडकिया लव के चककर मे पडकर अपने माँ-बाप को छोडकर
घर से भाग जाती है
उनके लिए ये चंद पंक्तीयां लिखी है इन्है एक बार जरुर पढना.!
बाबुल की बगिया में जब तू , बनके
कली खिली,
तुमको क्या मालूम की,
उनको कितनी खुशी मिली ।
उस बाबुल को मार के ठोकर, घर से भाग जाती हो,
जिसका प्यारा हाथ पकड़ कर, तुम पहली.... Read More