Friday, 14 July 2017
हिन्दू बनाम मुस्लिम
जिस प्रकार पांचों उंगलियां बराबर नहीं होती उसी प्रकार आप हर व्यक्ति को गलत कैसे कह सकते हैं अब वो चाहें हिन्दू हो चाहें मुसलमान हो । ठीक उसी प्रकार जो मुस्लिम भारत के संविधान में आस्था रखते हैं उनको हम गलत कैसे कह सकते हैं बात हिन्दू और मुसलमान की नहीं है बात भारतीयता की है ये हिन्दू और मुसलमान का चक्कर देश के नेताओं ने अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए चलाया है जिसके जाल में वो चाहें हिन्दू हो चाहें मुसलमान हो फंस गया है भारत में बात भारतीयता की होनी चाहिए लेकिन नहीं होती जब आजादी की लड़ाई भारतीयों ने लड़ी थी तब ये सोचकर तो नहीं लड़ी थी कि सिर्फ हिन्दू लड़ेंगे मुसलमान नहीं लड़ेंगे आजादी की लड़ाई हर भारतीय ने लड़ी थी अब वो चाहें हिन्दू हो चाहें मुसलमान
क्या भारत मे बहने वाली हवा ये पूछकर बहती है कि तुम हिन्दू हो या मुसलमान हवा तो सबके लिए ही है
इसी प्रकार भारत देश सबका है अब वो चाहें हिन्दू हो चाहें मुसलमान
बस भारत के संविधान में आस्था और भारतीयता की बात करनी होगी ।
पं संजय शर्मा की कलम से