उ प्र में कौन देगा जान और माल को सुरक्षित रखने का लाइसेंस

Author Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh' Tue 5th Sep 2017      Write your Article
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उ प्र में कौन देगा जान और माल को सुरक्षित रखने का लाइसेंस ? सरकार या पुलिस या फिर बेलगाम अपराधी ?
उ प्र में कौन देगा जनता की जान और माल को सुरक्षित रखने का लाइसेंस ?
सरकार या पुलिस या फिर बेलगाम अपराधी ?

उ प्र का वक्त बदला निजाम बदला पर अपराधों पर हालात नहीं बदले बल्कि देखा जाय तो आज के हालात और बद से बदतर होते जा रहे हैं ।
अब इन बद से बदतर हालात के लिए किसे जिम्मेदार माना जाय पूर्व की सरकारों को या वर्तमान सरकार को या फिर पुलिस के उस लचर सिस्टम या पुलिस की उस मानसिकता को जो काम करने से ज्यादा उगाही करने में व्यस्त रहती है ।
पुलिस की उगाही करने की और काम करने की मानसिकता बदलना होगा-
कानून व्यवस्था को कायम रखने की बात की जाय तो इस सबकी जिम्मेदारी पुलिस महकमे की होती है ।
उसी प्रकार पुलिस की कार्यशैली की सफलता या असफलता की जबावदेही सरकार की होती है ।
आज भी जिस प्रकार उ प्र में जो हालात बने हुए हैं उ प्र का जनमानस भय के साये में जीने को मजबूर हो रहा है अपराध करने वाले बेखोफ हो अपहरण हत्याएं बलात्कार लूट डकैती को सफलतापूर्वक अंजाम दे रहे हैं ।
अब इन वारदातों के लिए किसे दोष दिया जाय सरकार को या पुलिस महकमे के उस सिस्टम को जहाँ काम से ज्यादा दाम को तवज्जो दी जाती है ।
पुलिस को अपने व्यवहार और काम करने की कार्यप्रणाली को सुधारना होगा--
आज कोई भी आम आदमी अपनी किसी भी समस्या को लेकर थाने में जाने से डरता है जबकि पुलिस उस आम आदमी की मदद के लिए नियुक्त की जाती है तो फिर क्यों पुलिस से डरता है वो आम आदमी जबकि अपराधियों को पुलिस से डरना चाहिए लेकिन अपराधी बेखोफ रहते हैं पुलिस से यदि कोई डरता है तो वो आम आदमी है जो पुलिस से भी डरता है और अपराधियों से भी आखिर क्यों ?
किसी भी अपराध पर थाना सीमा का पेच पैदा करना--
पुलिस की कार्यप्रणाली में खासतौर से किसी भी बड़े अपराध पर लूट हत्या आदि पर थाना सीमा विवाद की सिथति अक्सर देखने और सुनने में आती रहती है पीड़ित व्यक्ति को थाना दर थाना चक्कर लगवाकर घनचक्कर बना दिया जाता है । अपराध को नियंत्रण में करने के लिए पुलिस की इस कार्यप्रणाली को भी बदलना होगा जिस भी जगह घटना हुई हो जहां भी नजदीकी थाना हो पुलिस को उस पीड़ित व्यक्ति की एफ आई आर दर्ज करनी चाहिए और उसके बाद जिस थानांतर्गत की घटना हो वहां उस एफ आई आर को ट्रांसफर कर देना चाहिए जिसे हम 0 एफ आई आर भी कहते हैं लेकिन ऐसा अमूनन पुलिस करती नहीं है ।
अपराधियों को पुलिस और राजनीतिक संरक्षण--
ये बात भी सत्य है कि बढ़ते अपराध और बेखोफ अपराधियों के लिए बहुत कुछ जिम्मेदार पुलिस संरक्षण और राजनीतिक संरक्षण भी है आज जिस प्रकार से अपराधी बेखोफ होकर वारदातों को अंजाम दे रहे हैं उसमे पुलिस संरक्षण और राजनीतिक संरक्षण की बात को नकारा नहीं जा सकता और पूर्व के खुलासों में अपराधियों से पुलिस गठजोड़ और राजनीतिक गठजोड़ के मामले प्रकाश में आये भी हैं ।
पुलिस की कोर्ट में लचर पैरवी---
पुलिस जब किसी भी गम्भीर अपराध में अपराधी को गिरफ्तार करती है तो अमूनन केसों में देखने मे आया है कि पुलिस अपराधी को गिरफ्तार करके जेल भेजने के बाद अपने काम की इतिश्री समझ लेती है और फिर वही अपराधी जमानत पर छूटने के बाद वारदातों को अंजाम देना शुरू कर देते हैं ।
अपराधियों के शरणदाताओं और जमानतदारों पर शिकंजा कसना होगा--आज जरूरत इस बात की है बेलगाम अपराधियों के शरणदाताओं और जमानतदारों पर भी शिकंजा कसने की जरूरत है देखा गया है जमानत मिलने के बाद अपराधी बाहर निकलते ही वारदात को अंजाम देना शुरू कर देते हैं इसके लिए वारदात होने पर उन जमानतदारों पर भी कार्यवाही और शिकंजा कसने की जरूरत है ।
बेलगाम अपराधियों को कानून का डर दिखाना होगा--
बढ़ते अपराधों में आज जरूरत इस बात की है कि बेलगाम अपराधियों में पुलिस का कोई डर या ख़ौफ़ नहीं रह गया है अपराधी अपराध दर अपराध करते जाते हैं जमानत पर छूटने के बाद उनका फिर वही अपराध करने का कुत्सित खेल शुरू हो जाता है । अगर पुलिस से कोई डरता है तो वो सिर्फ और सिर्फ आम आदमी है अपराधियों को पुलिस का आज कोई ख़ौफ़ नहीं रह गया है ये एक मुख्य कारण है अपराधों में बढ़ोत्तरी का ।
पुलिस का चेहरा बदलना होगा--
अमूनन देखने मे आता है पुलिस का व्यवहार आम जनता के साथ ठीक नहीं होता जब कोई भी पीड़ित व्यक्ति थाने अपनी फरियाद लेकर जाता है तो या तो उससे छोटे से छोटे और बड़े से बड़े पुलिस वाले की दुत्कार मिलती है या फिर उससे उसकी समस्या के एवज में धन की माँग की जाती है पीड़ित व्यक्ति ने यदि धन दे दिया तो पुलिस मुस्तैद हो जाती है धन नहीं दिया तो उसे या तो टहला दिया जाता है या फिर उसे दुत्कार कर भगा दिया जाता है ।
पुलिस कप्तान को भी थानेदारों की नकेल कसने की जरूरत है--
पं संजय शर्मा की कलम से

ham kahan hain

Author  Photo Uma   (Fri 15th Sep 2017) ham kahan hain
ham kahan hain dost

paas tu yahan hai ya door ham vahan hain

ehsaas tera kabhi bhar deta hai mujhe shaanti aur sukoon se

kabhi paas hokar bhi nahi milta vo jiski aas mujhe

sochti hun
.... Read More

Prakrati ki Vinash Leela

Author  Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh'   (Tue 12th May 2015) Prakrati ki Vinash Leela
Door kahi dekho to
kaisi virani chhai hai
Jaha apno ne apno ke beech
Apni bhi jaan ganvai hai
Ujad gaya gulashan Mali ka
Ye kisne aage lagai hai
Prakrati ki hai ye vinash leela
Jisne apni pravrati dikhai hai
Sankat mai ham saath khade hai
Ye ham sabki ladai hai .... Read More

Jaan

Author  Photo SONIA PARUTHI   (Thu 11th Jul 2019) Jaan
Tuhade layi je ladna paya mainu taqdeera naal,

Haske mai lad laungi tuhadi khushiyan waal.



Tuhade waal je aaya koi dukhe ve,

Saamne mai khadungi mahiye.
.... Read More

MUJHE NAHI JINA TERE BINA

Author  Photo Shrivastva MK   (Wed 25th Oct 2017) MUJHE NAHI JINA TERE BINA
Mujhe Nahi jina tere bina
Ek patthar bankar,
Nikale aansoo mere ankhon se
dard bankar,
Tum to ab meri sans ban gai ho,
Batado ai jalim,
Kya tumhen bhi jina hain
Ek bewafa bankar,
Ek bewafa bankar...
.... Read More

Ghar koi hota mera apna

Author  Photo Uma   (Thu 1st Jun 2017) Ghar koi hota mera apna
ghar koi hota mera apna
jisse bantati mai sara dard apna

to mai hoti khush k koi to hai
jise meri parwah hai
koi to hai jise meri chah hai
par na hai aisa na hoga koi

ghar hai koi to mai hun vahi jo khud k liye hai
aur shayad hai yahi sahi .... Read More

Meri raaho se andhera chhtta hi gaya

Author  Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh'   (Tue 3rd Feb 2015) Meri raaho se andhera chhtta hi gaya
Jeewan ke safar mai chalta hi gaya

Sathi naya milta hi gaya

Manjil pe apni badta hi gaya

Fool vafa ka khilta hi gaya

Mere dil ne Jo kaha karta hi gaya
.... Read More

Miss you maa

Author  Photo SONIA PARUTHI   (Thu 11th Jul 2019) Miss you maa
ए दिल माफ़ करना मुझे,
घुट घुट रोना पढता है तुझे.

तकलीफ होती है जब गला भर आता,
पर एक आंसू का कतरा न गिरे ध्यान रखना पड़ता.

उदास है मेरी निगाहें,
ढूंढती हैं माँ आपको मेरी नज़रें

बहुत याद आ रही है आपकी,.... Read More

Maa

Author  Photo SONIA PARUTHI   (Wed 18th Oct 2017) Maa
Ankhiyan vich hanju digde ne
Milan nu dil tarsan de
Aa jao maa
Rona haiga gale naal laa
Twadi hr khwaiysh poori karan nu dil chahnda
Ek waari aajaa.....maa aakhna
Tussi inni dur chale gye
Jitho kde vapis ni aaye
Hr pal twanu yaad kra
Mara te twade naal mara .... Read More

तो ऐ ज़िन्दगी मेरा हाथ थाम लेना

Author  Photo Madhu Bhagat   (Thu 29th Sep 2016) तो ऐ ज़िन्दगी मेरा हाथ थाम लेना
मैं कमजोर पड़ जाऊ , तो ये जिंदगी मेरा हाथ थाम लेना ,
मेरे आखो पर अश्क दस्तक दे दे तो ,ये ज़िन्दगी मेरा हाथ थाम लेना ,
मेरी मुस्कुराहट पर अगर गुमान ने जगह ले ली तो मैं कमजोर पड़ जाऊ , तो ये जिंदगी मेरा हाथ थाम लेना ,
मेरे आखो पर अश्क दस्तक दे दे तो ,ये ज़िन्दगी मेरा हाथ थाम लेना ,
मेरी मुस्कुराहट पर .... Read More