आज की राजनीति के सिद्धान्त की परिभाषा-अवसरवाद

Author Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh' Tue 5th Sep 2017      Write your Article
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आज की राजनीति के सिद्धांत की परिभाषा है अवसरवाद
आज बात करते हैं नेताओं की नैतिकता की उनके आदर्श और सिद्धान्त की और उनके अवसरवाद की-

इस समय बिहार के महागठबंधन की टूट ने सियासत में भूचाल मचा रखा है।
बिहार विधानसभा चुनाव के समय जनता दल राष्ट्रीय जनतादल और कांग्रेस के बीच सियासी दोस्ती हुई ।
चुनाव परिणाम में गठबंधन ने बीजेपी को चारों खाने चित कर दिया लालू प्रसाद की पार्टी की इस गठबंधन में सबसे ज्यादा सीटें आईं लेकिन जो इस गठबंधन में तय था उसी अनुसार नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री बनें लालू यादव के पुत्र तेजस्वी यादव उप मुख्यमंत्री बने ।
अब ऐसा क्या हो गया कि नीतीश कुमार को तेजस्वी यादव में कांटे नजर आने लगे यदि तेजस्वी यादव पर लगे आरोपों की बात की जाय तो उनसे ज्यादा बड़े मुकदमों के आरोपी केंद्र सरकार के मंत्रियों में उ प्र सरकार के मन्त्रियों और मुख्यमंत्रियों में मिल जाएंगे । और इस समय बिहार के जो उप मुख्यमंत्री बनाये गए हैं वो तो शायद गंगा नहाये हुए हैं ।
लेकिन शायद बिहार के मुख्यमंत्री कुछ ज्यादा आदर्श और सिद्धान्तवादी हैं । नीतीश कुमार जी अपने पूर्व के बयान याद करें जो आपने बीजेपी के संदर्भ में बोले थे ।
अब बात करते हैं क्या वाकई राजनीति में आदर्श और सिद्धान्त होते हैं-
अगर हम राजनीति में आदर्श और सिद्धान्त की बात करें तो शायद हमसे ज्यादा मूर्ख कोई नहीं होगा ।
सियासत में आदर्श निजी फायदे और सत्ता सुख हासिल करने के लिए बनाए जाते हैं ।
वरना क्या कारण है आजादी की लड़ाई में अपने प्राण न्योछावर करने वाले भगत सिंह चन्द्रशेखर आजाद रामप्रसाद बिस्मिल बटुकेश्वर दत्त अशफाकउल्ला खान और तमाम ऐसे गुमनाम स्वतन्त्रता सेनानी जिन्हेंने देश की आजादी के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया था ।
आज उन अमर शहीदों के परिवार कहाँ और किस हालत में अपना जीवन यापन कर रहे हैं शायद देश के लोगों को तो पता ही नहीं होगा और देश की सरकारों ने भी शायद जान बूझकर उनकी सुध नहीं ली ।
अब क्योंकि इन लोगों के नाम और परिवार से राजनीतिक दलों को कोई निजी फायदा या सत्ता सुख नहीं मिल सकता । और हाँ जिन क्रांतिकारियों और महापुरुषों के नाम से सरकारों को राजनीतिक लाभ लेना होता है उनके नाम का आज भी इस्तेमाल करती हैं राजनीतिक पार्टियां जैसे महात्मा गांधी, बाबा भीमराव अंबेडकर बल्लभ भाई पटेल, सुभाष चन्द्र बोस आदि ।
अब बात करते हैं हमारे आराध्य भगवान श्रीराम जी की-
आज के सियासतदारों ने भगवान राम के नाम का इस्तेमाल अपनी राजनीतिक दुकान चमकाने और सत्ता सुख हासिल करने के लिए ही किया ।
क्या हम लाउडस्पीकर पर और टी वी चैनल पर डिबेट करके ही अपने आपको रामभक्त साबित कर सकते हैं। मैं ऐसे लोगों से पूछना चाहता हूं कि वो घर के पूजाघर में एकांत में बैठकर कितना रामनाम का जप करते हैं ।
मेरा मानना है कि किसी भी जप में सर्वश्रेष्ठ जप मानसिक जप कहलाता है अब वो मानसिक या मन मे किया गया जप भगवान राम के नाम का हो भगवान शिव का हो या गायत्री मंत्र का हो ।
शोर मचाकर और टी वी चैनल के आगे बैठकर राम के नाम का उदघोष करने वाले दिखावा और अपनी राजनीतिक रोटियां एवम अपना चेहरा चमका रहे हैं ।
राजनीति के सिद्धांत-
क्या वाकई में राजनीतिज्ञों का कोई सिद्धान्त होता है ।
राजनीति में सिद्धान्त की परिभाषा का नाम है अवसरवाद जो कि बिहार में जनता दल और बीजेपी के मध्य यही सिद्धान्तरूपी अवसरवाद अस्तित्व में आया ।
यही सिद्धान्त और अवसरवाद जम्मू कश्मीर में सामने आया ।
यही सिद्धान्त और अवसरवाद मणिपुर गोवा में भी सामने आया ।
बीजेपी जो कि अपने आपको सिद्धान्तवादी पार्टी कहती है असल मे वो अवसर की तलाश में रहने वाली अवसरवादी पार्टी है । और शायद यही आज की राजनीति का चेहरा भी है ।
क्या नेताओं में राजनीति में जनता के लिए सेवाभाव है-
यदि कोई राजनीतिज्ञ ये कहता है कि राजनीति में वो सेवा भाव के कारण आया है तो इससे बड़ा कोई सफेद झूठ हो नहीं सकता ।
यदि कोई राजनीतिज्ञ ये कहे कि हमने फलां दल से भ्र्ष्टाचार या कोई और अन्य कारण से गठबंधन तोड़ दिया तो इससे बड़ा और कोई झूठ हो नहीं सकता ।
आज नेताओं की सम्पत्ति चुनाव दर चुनाव दिन रात दूनी और चौगुनी बढ़ रही है तो वे नेता बताएं वो कौन सी ऐसी सेवा है जिससे उनकी सम्पत्तियां बढ़ रही हैं ।
राजनीति में दोस्ती भी स्वार्थवश ही होती है ।
कुल मिलाकर इन सबका भावार्थ ये है राजनीति में आदर्श और सिद्धान्त का आवरण ओढ़ राजनीतिक दुकान अवसरवाद के रूप में चलाई जा रही हैं ।
आदर्श और सिद्धान्त तो किताबों में धूल फांक रहे हैं । राजनीति के सिद्धान्त की परिभाषा का नाम ही अवसरवाद है । आज की राजनीति में ये अवसरवाद खूब चलता भी है और खूब फलता फूलता भी है ।

पं संजय शर्मा की कलम से

Dard...

Author  Photo SONIA PARUTHI   (Sun 3rd Sep 2017) Dard...
Dard ki kitaab ko kholna..
Aasman se taarein thodna
Ek hi baat hai...
Jise shabdon mein baya krna mushkil hai

Raastein alag alag hai
Manzil ek hi hai
Ishwar hamari jindagi ki daastan likhte hain
Par vo hamari soch se ko so door hain
.... Read More

अम्‍मा

Author  Photo Prabhat Kumar   (Mon 2nd Mar 2015) अम्‍मा
एक बार इस कविता को दिल से पढ़िये
शब्द शब्द में गहराई है...

जब आंख खुली तो अम्‍मा की
गोदी का एक सहारा था
उसका नन्‍हा सा आंचल मुझको
भूमण्‍डल से प्‍यारा था

उसके चेहरे की झलक देख
चेहरा फूलों सा खिलता था.... Read More

TRIBUTE TO MY BEST FRIEND

Author  Photo SONIA PARUTHI   (Sun 7th Apr 2019) TRIBUTE TO MY BEST FRIEND
Duniya mein hazaaro rishtey banao lekin ek rishta aisa banao ki jab hazaaro aapke khilaaf ho toh wo ek humesha aapke saath ho....

# koi aisa ho jo bin maangey itna pyaar de...itna pyaar de ki toota hua dil fir se kahe mujhe marna nahi jeena hai.

# zindagi mein ek aise shakkhs ka hona jaroori h.... Read More

मेरी प्यारी बहना

Author  Photo Shrivastva MK   (Sun 8th Oct 2017)  मेरी प्यारी बहना
मेरी प्यारी बड़ी बहना
तुम हमेशा यू ही खुश रहना,

तुम्हारे सारे दर्द मुझे मिल जाये,
मेरी सारी खुशी तुम्हे मिल जाये,

तुम्हारे चेहरे की खुशी कभी न छूटे,
तुम्हारे सपने तुमसे कभी न रूठे,

मेरी बहना के राहों में कभी कांटे ना हो,.... Read More

हमदर्द....

Author  Photo Somya Saraswat   (Wed 15th Mar 2017) हमदर्द....
इस गगन को हमदर्द बनाने का मन करता है,

हवाओ को निगाहों पर से महसूस करने का मन करता है,

मुश्किलों मे पेड़ की छाया मे अक्सर बैठा करते है लोग,

उस छाया की कसम, दो पल सुकून देने के लिए वह धुप से वकालत करता है,

इस गगन को हमदर्द बनाने का मन करता है....
.... Read More

Dariya ko kinara

Author  Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh'   (Sun 1st Feb 2015) Dariya ko kinara
Dariya ko kinara milta hai
Moujo ka sahara milta hai
Raho mai hamari dekho tum
Kaisa ye najara milta hai
Har GAM ka fasana milta hai
Yaaro ka jamana milta hai
Mushkil ki ghadi mai dekha to
Apna bhi begana milta hai
Jab waqt hamara milta hai
Har shaam suhana milta hai.... Read More

Matlabi Duniya

Author  Photo SONIA PARUTHI   (Sat 26th May 2018) Matlabi Duniya
jab hum waise nhi hote
firkyu shakk ke beej ho bote
kya ye dayre itne majboot hain hote
ki ishtey bhi padh jate hain chote
lagne laga hai bojh
kaisa hai ye rogh
kya hai iagi ka dastoor
kyu krte ho hr baar majboor
aisa kya gunah kiya
jo kadwi baaton ka jehar humne piya.... Read More

AI KHUDA

Author  Photo Shrivastva MK   (Wed 4th Oct 2017) AI KHUDA
Ai khuda Mujhe Hawa bna de,
Mujhe unke sanso me bsa de,
Kabhi bhi na ho Saku Dur unse
Aisi meri taqdeer bna De,

Ai khuda Mujhe aansoo bna De,
Mujhe unke aankho me bsa De,
Khushi ke Pal ho ya ho dukh ki ghari
Us Pal unke aankho se Mujhe chhalka de,
.... Read More

दुनिया का निजाम

Author  Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh'   (Thu 12th May 2016)  दुनिया का निजाम
वाह री दुनिया देखा तेरा निजाम
और उसे चलाने वाले
यहाँ के दो नियम हैं
जिंदगी जीने के
खुद के लिए कुछ
बाकियों को बहलाने वाले
उनको छींक भी आ जाये
वो खबर बन जाता है
हमारी तो उम्मीदों का
सूरज भी यहाँ ढल जाता है.... Read More