क्या है सच के प्रहरी का सच ?

Author Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh' Tue 5th Sep 2017      Write your Article
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क्या है सच के प्रहरी का सच ?
क्या है सच के प्रहरी का सच-----
मिडिया अब वो चाहें इलेक्ट्रानिक मिडिया हो या फिर प्रिन्ट मिडिया हो क्या आज हम इनको वाकई सच के प्रहरी के रूप में पुकार सकते हैं।
जो मिडिया कभी सच के प्रहरी के रूप में जनता के बीच में जानी जाती है क्या आज के हालातों पर गौर करने के बाद हम उन्हें सच का प्रहरी कह सकते हैं ।
इसमें कोई शक नहीं इलेक्ट्रानिक मिडिया ने बहुत तेजी से जनता के बीच अपनी पैठ बढ़ाई है । कोई भी खबर तुरन्त आम लोगों के बीच पहुंचाने का कार्य भी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने बखूबी अंजाम दिया है ।
लेकिन जब इलेक्ट्रानिक मिडिया खासतौर से राजनितिक लोगों और पार्टीयों की एक आवश्यकता और माध्यम बन गई अपनी बात जनता के बीच पहुंचाने की ।
इसी आवश्यकता और माध्यम की राजनितिक लोगों की मजबूरी के बीच कुछ मिडिया के लोग राजनितिक पार्टीयों के समर्थकों के रूप में भी प्रचारित होते रहे हैं और अपना व्यकितगत हित साधते रहे हैं ।
इन समर्थित मिडिया के चंद लोग सच के प्रहरी न होकर राजनितिक पार्टियों के प्रहरी होकर ही रह गए हैं ।
यहां एक बात और भी कहना चाहता हूँ कि मीडिया वो चाहें इलेक्ट्रानिक हो या फिर प्रिंट मीडिया यहाँ भी खबरें चेहरे देखकर ही छापी या चलाई जाती हैं ।
उदाहरण स्वरूप किसी आम आदमी के साथ बड़ी से बड़ी घटना या तो अनदेखी कर दी जाती है या फिर एक छोटे से कोने में वो बड़ी घटना सिमट कर रह जाती है ।
एक छोटी सी घटना किसी बड़े आदमी या बड़े राजनेता की हो तो वो खबर बन जाती है ।
आज टी आर पी का खेल भी बड़ा जबर्दस्त रूप से चल रहा है जहां टी आर पी गिरी चैनल धड़ाम और इसी टी आर पी के खेल ने ही बड़े रसूखदार लोगों और राजनीतिक लोगों की छोटी छोटी खबरों को भी सनसनीखेज बनाने का काम किया है । और कभी कभी खबर को सनसनीखेज बनाने के चक्कर में मर्यादाओं का भी उल्लंघन किया गया है ।
मैं यहां सारी मिडिया के लोगों की ईमानदारी पर शक नहीं कर रहा । बहुत से मिडिया के लोग ऐसे भी हैं जो अपने सच के प्रहरी की अपनी जिम्मेदारी का बखूबी ईमानदारी से निर्वाह कर रहे हैं । कहते हैं कि एक मछली सारे तालाब को गंदा कर देती है । यहां भी वही हो रहा है चन्द मिडिया के लोग राजनितिक पार्टियों के कार्यकर्ता या उनके प्रहरी के रूप में अपनी सच के प्रहरी की जिम्मेदारी का उपहास उड़ाते नजर आते हैं ।
कहते हैं जो दिखता है वही बिकता है यहां अब बहुत कुछ उल्टा पुल्टा भी हो रहा है कुछ राजनितिक पार्टियों के हितैषी चन्द मिडिया के लोग अपने निजी स्वार्थ की खातिर जो नहीं दिख रहा है उसे भी जबर्दस्ती बिकवाने की कोशिश करते नजर आते हैं ।

चुनावी मौसम में तो पार्टियों की समर्थित मिडिया के लोग अपनी पार्टी को चुनावी सर्वे में प्रचण्ड बहुमत भी दिखा देती है और जबकि वास्तविक चुनावी परिणाम इसके बिलकुल ही उलट आते हैं ।

एक बार फिर कहने को मजबूर होना पड़ रहा है इस प्रकार के समर्थित लोग जो नहीं दिखता उसे जबर्दस्ती बिकवाने का असफल प्रयास कर अपने सच के प्रहरी पेशे को तो कलंकित करते ही हैं लेकिन साथ ही साथ जनमानस के बीच अविश्वास की खाई को भी गहरा करते हैं । अपने पेशे में ईमानदार लोग जो बिना किसी भेद भाव के जनता को सच का आइना ही दिखाते हैं उनकी सच्चाई को भी जनता सन्देह की नजरों से ऐसे लोगों के क्रिया कलापों की वजह से देखने लगती है ।

कुल मिलाकर मेरा कहना है कि मीडिया समाज को एक आइना भी दिखाने का कार्य करता है । समाज में फैली हर अच्छाई और बुराई को बिना किसी भेदभाव के आम जनमानस तक पहुंचाना भी मीडिया की नैतिक जिम्मेदारी बनती है ।
चन्द मिडिया के लोगों की वजह से आम आम जनमानस में मीडिया की खबरों के प्रति सन्देह जताना भी मीडिया के सच के प्रहरी की साख पर एक काला धब्बा ही तो है ।
पं संजय शर्मा की कलम से

Paigaam

Author  Photo SONIA PARUTHI   (Sun 28th Jul 2019) Paigaam
Shabdo ke guldaste se likhte hain yaara,
Khuda kasam tum bin koi nahi hai hamara.

Tum is dil ki dadhkan ho,
Aaj fir se pukar rhe hain sun tou lo.

Suna hai dil ke rishtey bin kahe sab sun lete,
Tum vapis laut kar kyu nahi aate.

Aaj keh rhe hain mohabbat hai beinteha tumse,.... Read More

BADE AZEEB HAI YE LOG

Author  Photo Shrivastva MK   (Wed 4th Oct 2017) BADE AZEEB HAI YE LOG
Kitni azeeb hai ye Duniya kitne ajeeb log,
Koi kisi ko dara rha, kuchh sahme sahme se log,
Bada muskil hai esko samjhna,
Yaha palbhal me baldate hai log,

Humne bhi socha tha Ki jawane ko badalenge hum,
Ek nayi soch ke sath ek hokar chalenge hum,
Par ye dekh kar dil tut gya Jab ek hi dali ke .... Read More

माँ तू है तो उजाला है

Author  Photo Shrivastva MK   (Sat 11th Nov 2017) माँ तू है तो उजाला है
माँ तू है तो उजाला
तू नही तो चारो ओर अंधेरा है,
माँ तू है तो चल रही सांसे
तू है तो हमारा सवेरा है,

माँ तेरे चरण में चारो धाम
तू माँ स्वर्ग का द्वार है,
तेरा आँचल जैसे पीपल का छाव
तेरी गोद मे ही हमारा संसार है,
.... Read More

आवाज़

Author  Photo Sonu Mishra   (Tue 2nd Feb 2016) आवाज़
आवाज़-ए-अनादिल भी बयाबाँ तेरे बगैर
लगती है सबा ये भी पशिमाँ तेरे बगैर

महसुस कर रहा था आँगन में मैं तुझे
के सुना लग रहा था दालाँ तेरे बगैर

एक बार हथेली में मेरे फुल रख गयी
खिलती नहीं है तबसे कालियाँ तेरे बगैर

मैं तो अकेला ही किनारे से चल रहा.... Read More

Aapse hain hum

Author  Photo SONIA PARUTHI   (Thu 11th Jul 2019) Aapse hain hum
Jab aap humare ho pass,

Har lamha hai bhut khaas.



Har ehsaas bhi sun leti hain ye dadhkane,

Aap zindagi ho humarai aapke siwa kuch nahi chahiye.
.... Read More

दोस्ती एक अटूट रिस्ता

Author  Photo Shrivastva MK   (Sun 1st Oct 2017) दोस्ती एक अटूट रिस्ता
एक ऐसा रिस्ता जो सच्चे प्यार की तरह अटूट होता है,
इन नज़रों से दूर रहते हुए भी इस दिल के करीब होता है,
जिसे उस खुदा ने दोस्ती नाम दिया,
वो दोस्ती ही कितने लोगों की जीने की वजह होता है,

खुश होता है ये दिल जब वो खुश होते है,
छलकते है आंसू इन आँखों से जब वो रोते है,
बड़ा ही दर्द होता इस दिल को ,.... Read More

TERE PYAR NE MUJHE PAGAL BNA DIYA

Author  Photo Shrivastva MK   (Wed 25th Oct 2017) TERE PYAR NE MUJHE PAGAL BNA DIYA
Tere pyar ne mujhe pagal bna diya ,
Tujhme khoye hain hum es kadar ki,
apna nam pata bhi bhula diya,
Jawane Se chhupa ke ki tujhse mohabbat ,
Par tune mujhe jawane se hi begana bna diya,
Tere pyar ne mujhe pagal bna diya....


Tere intezar me har pal ji raha hu ghut ghut
ke,.... Read More

ऐ जिंदगी

Author  Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh'   (Mon 31st Aug 2015) ऐ जिंदगी
ऐ जिंदगी अभी जरा रहने दे
जो घाव दिल में हैँ
अब जरा उनको बहने दे
बुझता हुआ चिराग हूँ मैं
तू जरा उसको जलने दे
और गजल आखिरी है
वो मुझको अब तू कहने दे
ऐ जिंदगी....................
खाली मेरा पैमाना है
उसको जरा तू भरने दे.... Read More

Fauji

Author  Photo SONIA PARUTHI   (Thu 11th Jul 2019) Fauji
Kisi ke gajre ki khusbu ko chhor ke aaya,
Maa ki baahon ko tarasta paaya.

Hum apne gharo mein chain se so paaye,
Isliye wo hamari neendon par qurbaan ho gaye.

Diwali par ho roshni yha,
Sarhad par andhere mein khada hai koi wha.

Apni nanhi si chidiya ko chehak sunne ko jee uska bhi karta,.... Read More